हर साल की तरह इस साल भी हज़ारों महिलाओं ने राखी बांधी। हाथों में सजी इन राखियों को देखकर आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ज़मीनी स्तर पर लोग कितना पसंद करते हैं।

महिलाओं का आशिर्वाद और स्नेह पाकर मैं पूरी तरह से भाव विभोर हो गई  यकीनन अगर इसी तरह से लोगों के बीच रहकर लोगों को अपना बनाकर कार्य करने की बात ही कुछ और है।