माताओं और बहनों का स्नेह और आशीर्वाद प्रति वर्ष हमें भावनाओं और प्रेम की मज़बूत डोर से बांधता है।
इसके साथ ही हमें याद दिलाता है कि नारी के सम्मान और मर्यादा की रक्षा करना और उनको आदर देना ही सनातन संस्कृति का सन्देश है|
माताओं और बहनों का स्नेह और आशीर्वाद प्रति वर्ष हमें भावनाओं और प्रेम की मज़बूत डोर से बांधता है।
इसके साथ ही हमें याद दिलाता है कि नारी के सम्मान और मर्यादा की रक्षा करना और उनको आदर देना ही सनातन संस्कृति का सन्देश है|